भारत के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति बने तेलुगु भाषी नूतलापाटी वेंकट रमणा

नई दिल्ली/हैदराबाद : न्यायमूर्ति नूतलापाटी वेंकट रमणा ने 23 अप्रैल (शनिवार) को भारत के 48 वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में राष्ट्रपति भवन में शपथ ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें पद की शपथ दिलाई। इस कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति वेंकय्या नायुडू, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश, केंद्रीय मंत्री, न्याय मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी और न्यायमूर्ति एनवी रमन के परिवार के सदस्य उपस्थित थे।

शपथ ग्रहण समारोह सुबह 11 बजे राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में आयोजित किया गया। जबकि कोरोना की बढ़ते मामलों के चलते कुछ हस्तियों ने इस कार्यक्रम में शिरकत की थी। जस्टिस एसए बोबडे का कार्यकाल 23 अप्रैल को समाप्त हो गया था। मार्च महीने में सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य न्यायाधीश के रूप में वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ जस्टिस एनवी रमणा की नियुक्ति की मार्च महीने में केंद्रीय विधि मंत्रालय को सिफारिश की।

केंद्र सरकार ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दी और फिर राष्ट्रपति के पास भेजा। राष्ट्रपति की मंजूरी के साथ ही न्यायमूर्ति एनवी रमणा को भारत के 48 वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया है। अगले साल 26 अगस्त तक यानी 16 महीने तक जस्टिस एनवी रमणा चीफ जस्टिस के रूप में बने रहेंगे। न्यायमूर्ति एनवी रमणा ने देश के उच्चतम न्यायालय में मुख्य नायाधीश के रूप में बनने वाले दूसरे तेलुगु व्यक्ति है।

सुप्रीम कोर्ट में तेलुगु भाषी

न्यायमूर्ति कोको सुब्बाराव ने पहले साल 1966-67 में सीजेआई के रूप में कार्य किया था। 54 साल बाद तेलुगु भाषी व्यक्ति सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस बना है। आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले में एक साधारण किसान परिवार में जन्मे न्यायमूर्ति एनवी रमणा धीरे-धीरे इस स्तर तक बढ़ते गये हैं।

जस्टिस रमणा का जन्म

जस्टिस एनवी रमणा का जन्म 27 अगस्त 1957 को कृष्णा जिले के पोन्नवरम गांव में एक किसान परिवार में हुआ था। माता-पिता गणपति राव और सरोजिनी हैं। उन्होंने अपनी हाई स्कूल की शिक्षा कंचिकचर्ला में उन्नत पाठशाला में पूरी की। इसके बाद अमरावती स्थित आरवीवीएन कॉलेज कृषि विषय में अपनी डिग्री हासिल की। बाद में साल 1982 में नागार्जुन विश्वविद्यालय में कानून की पढ़ाई की। 10 फरवरी 1983 को प्रदेश बार काउंसिल सदस्य बने।

एनवी रमणा का सफर

27 जून 2000 को आंध्र प्रदेश के उच्च न्यायालय के न्यायाधीश बन गये। साल 2013 में आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के कार्यवाहक (प्रभारी) मुख्य न्यायाधीश बने। बाद में उन्हें दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया। साल 2014 में सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नति दी गई।

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