हैदराबाद: बुधवार को डॉक्टर खूबचंद्र बघेल शासकीय स्नातकोत्तर कॉलेज भिलाई 3 जिला दुर्ग के पास ज्योतिबा फुले (महात्मा फुले) जी की पुण्यतिथि मनाई गई। इस कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ रजक समाज कर्मचारी एवं व्यापारी कल्याण महासंघ अध्यक्ष मनोज कुमार चौधरी शामिल रहे। उन्होंने कहा कि ज्योतिबा फुले जी का जन्म 11 अप्रैल 1827 को हुआ था और निधन 28 नवंबर 1890 को हुआ था। उनका पूरा नाम ज्योतिराव गोविंदराव फुले था।
महात्मा ज्योतिबा फुले के पिता गोविंद राव एक किसान थे और पुणे में फूल बेचते थे। जब ये छोटे थे इनकी मां का देहांत हो गया था। ज्योतिबा फुले समाजसेवी, लेखक, दार्शनिक और क्रांतिकारी के रुप में जाने जाते हैं। महात्मा ज्योतिबा फुले ने जाति भेद, वर्ण भेद, लिंग भेद, ऊंच-नीच के खिलाफ बड़ी लड़ाई लड़ी। इसका अलावा फुले ने न्याय व समानता के मूल्यों पर आधारित समाज की परिकल्पना प्रस्तुत की। वे महिला शिक्षा की खूब वकालत करते थे।
यही वजह है कि 1840 में जब इनका विवाह सावित्रीबाई फुले से हुआ तो, उन्होंने अपनी पत्नी सावित्रीबाई फुले को पढऩेके लिए प्रेरित किया। सन 1852 में उन्होंने तीन स्कूलों की स्थापना की, लेकिन 1858 में फंड की कमी के कारण ये बंद कर दिए गए। सावित्रीबाई फुले आगे चलकर देश की पहली प्रशिक्षित महिला अध्यापिका बनीं। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ रजक समाज कर्मचारी एवं व्यापारी कल्याण महासंघ के पदाधिकारी और रजक समुदाय के लोग उपस्थित थे।