बेंगलुरु (अमृता श्रीवास्तव की रिपोर्ट) : केद्रीय कर प्रधान मुख्य आयुक्त कार्यालय, बेंगलुरु (Bengaluru) के तत्वावधान में ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ के उपलक्ष्य में दो दिवसीय कार्यक्रम के अंतर्गत हिन्दी भाषण प्रतियोगिता एवं कविता पाठ आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता डी पी नागेंद्र कुमार (भारतीय राजस्व सेवा) प्रधान मुख्य आयुक्त केंद्रीय कर बेंगलुरू ने किया।
इस कार्यक्रम का संयोजन संजय पंत प्रधान आयुक्त केंद्रीय कर मैसुरू ने किया। मंच संचालन का दायित्व श्रीमती पदमश्री बाबू वरिष्ठ अनुवाद अधिकारी ने निभाया। विशिष्ट अतिथि एवं मुख्य वक्ता के रूप में एलआरडीई डीआरडीओ के वरिष्ठ अनुवाद अधिकारी एवं साहित्यकार डॉ रंजीत कुमार अध्यक्ष हिंदी साहित्य परिषद कर्नाटक उपस्थित रहे।
दो दिवसीय कार्यक्रम में कर्नाटक स्थित केंद्रीय कर कार्यालय के अधिकारी एवं कर्मचारी वेबनार के जरिए भाषण प्रतियोगिता और काव्य पाठ में उत्साह से भाग लिया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ रंजीत कुमार ने ‘राष्ट्रीय चेतना के संदर्भ में हिंदी भाषा साहित्य एवं संस्कृति का महत्व एवं गौरवबोध’ विषय पर रोचक एवं प्ररेणादायी उदबोधन दिया।
उन्होंने कहा कि साहित्य समाज की आत्मा होती है। साहित्य अजर-अमर है। भारतीय संस्कृति भारत के कण-कण में व्याप्त है। हमारा समाज संस्कृति की गोद में पोषित एवं विकसित हुआ। अपने उद्बोधन ने उन्होंने ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ के महत्व को स्थापित करते हुए राष्ट्र के विकास में भारतीय सभ्यता और संस्कृति की उपादेयता पर प्रकाश डाला। साथ ही भारतीय वसुंधरा की महिमा और चेतनाशील भारतीय संस्कृति के गौरवबोध से अवगत कराया और राष्ट्रीय चेतना के काव्य पाठ भी किये जो बहुत ही उत्साहवर्द्धक रहे हैं।
इसके बाद कार्यालय प्रमुख एवं कार्यक्रम के अध्यक्ष डीपी नागेंद्र कुमार प्रधान मुख्य आयुक्त ने सभा को संबोधित करते हुए ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ के विषय में उद्बोधन दिया और कार्यक्रम के सफल आयोजन हेतु सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों का आभार प्रकट किया। कार्यक्रम के अंत में श्रीमती अर्चना नायक,संयुक्त आयुक्त, केंद्रीय कर बेंगलूरू ने धन्यवाद देते हुए सभी के प्रति कृतज्ञता के साथ आभार प्रकट किया।