बाल यौन अपराध संरक्षण अधिनियम पर आयोजित हुआ विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर, मुख्य अतिथि पूर्णिमा प्रांजल ने कहा…

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कौशाम्बी का उपक्रम

कौशाम्बी (डॉ नरेन्द्र दिवाकर की रिपोर्ट): 3 सितम्बर को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, जनपद न्यायालय कौशाम्बी (उत्तर प्रदेश) के तत्वावधान में एस.एन.डी. इण्टर कालेज सुकवारा, मंझनपुर कौशाम्बी में बाल यौन अपराध संरक्षण अधिनियम एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा प्रदत्त सेवाएं विषय पर विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम में कार्यक्रम की मुख्य अतिथि पूर्णिमा प्रांजल अपर जिला जज/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कौशाम्बी ने बाल यौन अपराध संरक्षण अधिनियम के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि यह अधिनियम बच्चों को यौन उत्पीड़न जैसे अपराधों से सुरक्षा प्रदान करने के लिए बनाया गया है। अधिनियम मामलों का निपटारा त्वरित गति और कुशलता से सुनिश्चित करने के लिए विशेष न्यायालयों का गठन कर बाल अनुकूल तंत्र को शामिल करके न्यायिक प्रक्रिया के हर चरण में बच्चों के हितों की रक्षा सुनिश्चित करता है। सभी बच्चों को यौन दुर्व्यवहार और शोषण से सुरक्षा का अधिकार है। इस अधिनियम की सबसे बड़ी बात यह है कि इसमें बाल के अंतर्गत लड़के-लड़कियों दोनों को शामिल किया गया है। विद्यार्थियों को सोशल मीडिया का उपयोग करने बचना चाहिए क्योंकि बच्चे ऑनलाइन यौन शोषण का आसानी से शिकार हो जाते हैं। अपने अभिभावकों की निगरानी में ही इंटरनेट या सोशल मीडिया का उपयोग करना चाहिए।

पूर्णिमा प्रांजल ने आगे कहा कि गर्भधारण पूर्व और प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम 1994, एवं कार्यस्थल पर महिलाओं का लैंगिक उत्पीड़न (रोकथाम, प्रतिषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 के बारे में भी जानकारी प्रदान की गई। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को प्रदान की जाने वाली विभिन्न सेवाओं, भारतीय संविधान, लोक अदालत, वैकल्पिक विवाद समाधान पद्धति, किशोर न्याय अधिनियम आदि के प्रावधानों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि लोग अपने छोटे-छोटे मुकदमों का हल वैकल्पिक विवाद समाधान पद्धति के जरिए करा सकते हैं।

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लोगों को कोई समस्या हो तो वे जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कौशाम्बी एवं विभिन्न तहसीलों में स्थित लीगल एड फ्रंट ऑफिस में जाकर कार्यरत पीएलवी से संपर्क कर अपना शिकायती आवेदन दे सकते हैं। प्राधिकरण द्वारा निःशुल्क विधिक सहायता भी प्रदान की जाती है जिसके तहत मुकदमा से जुड़ा सारा खर्च विधिक सेवा प्राधिकरण वहन करता है। शिविर में प्रधानाचार्य हरेन्द्र सिंह, क्षेत्रीय लेखपाल रजनीश, शशि त्रिपाठी, पीएलवी कृष्णा कपूर, मनीषा दिवाकर और शिक्षकों सहित सैकड़ों की संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे। कार्यक्रम के दौरान मां के नाम एक पौधा रोपड़ भी किया गया।

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