हैदराबाद : हिंदी साहित्य सेवक परिवार मंच द्वारा छठवीं राष्ट्रीय काव्य गोष्ठी का आयोजन 29 नवंबर को संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता आदरणीय डॉ. विरेंद्र कुमार शर्मा जी (प्रधानाचार्य गुरु द्रोणाचार्य कॉलेज आफ़ एजुकेशन भूना फतेहाबाद हरियाणा) ने किया। यह कार्यक्रम गुग्गुल मीट द्वारा आनलाइन किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत उमेश चंद यादव द्वारा माँ सरस्वती वंदना से की गई। कार्यक्रम के प्रथम सत्र में ‘विद्यार्थी और अनुशासन’ विषय पर व्याख्यान देते हुए डॉ. विरेंद्र कुमार शर्मा ने वर्तमान समय के विद्यार्थियों में घट रहे अनुशासन के प्रति चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि आज के विद्यार्थी स्वार्थी होते जा रहे हैं। कार्यक्रम का संचालन मुम्बई की मशहूर कवयित्री एवं शिक्षिका अंजू पाण्डेय ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन आगरा उत्तर प्रदेश की कवयित्री आदरणीया नीलेश जैन ‘शिखा’ ने किया।
इस कार्यक्रम में सभी वक्ताओं ने अपने – अपने विचार व्यक्त किये। हिंदी साहित्य सेवक परिवार मंच द्वारा आयोजित छठवीं राष्ट्रीय काव्य गोष्ठी में हिंदुस्तान के अनेक राज्यों से साहित्य प्रेमियों ने भाग लिया और अपनी रचनाएँ प्रस्तुत कर सबका मन मोह लिया। किसी ने गुरु, माँ, वीर रस तो किसी ने नारी शक्ति, प्रकृति प्रेम, हिंदी से प्यार, लोकगीत, देश भक्ति, भाषा शिक्षक की व्यथा, बेरोजगारी तो किसी ने सुहानी सुबह एवं बालिकाओं की शक्तिप्रधान छत्तीसगढ़ एवं हरियाणा की विशेषता भरी कविताएं सुनाए। सभा के अध्यक्ष डॉ. विरेंद्र कुमार शर्मा ने काव्य साहित्य एवं गुरु – शिष्य परंपरा पर प्रकाश डालकर सबका ज्ञान वर्धन एवं मार्गदर्शन किए। हिंदी साहित्य सेवक परिवार मंच द्वारा देश के हर क्षेत्र के साहित्य प्रेमियों को जोड़ने के इस प्रयास की खूब सराहना की।
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हिंदी साहित्य सेवक परिवार मंच द्वारा आयोजित छठवीं राष्ट्रीय काव्य गोष्ठी में काव्य पाठ करने वाले विद्वान डॉ. विरेंद्र कुमार शर्मा, कवि उमेश चंद यादव, मुम्बई से अंजू पाण्डेय, नीलेश जैन शिखा, हैदराबाद से गंगा पचौरी, डॉ छाया भदौरिया, विशाल कुमार, श्रीनिवास, माधुरी करसाल, ममता देवेंद्र पचौरी, अंजू खन्ना, रीता सिंह, रजनी, मऊ से कंचन बाला राय आदि कवियों ने सभी को काव्य रस से सराबोर कर दिया।
इस कार्यक्रम में रंजीता पाण्डेय, विशाल, मिनाक्षी शर्मा, सूरज पासवान आदि साहित्य प्रेमी भी शामिल हुए। सभी ने हिंदी साहित्य सेवक परिवार के इस पहल की खूब सराहना किया और कहा कि आगे भी साहित्यिक कार्यक्रम करते रहें। कार्यक्रम के अंत में कई सामाजिक मुद्दों पर विचार-विमर्श भी किया गया जिसमें नारी सुरक्षा एवं नैतिकता मुख्य विषय रहा। सभी ने यह तय किया कि हमें विद्यार्थियों में अनुशासन पालन एवं नैतिकता की भावना जागृत करने का प्रयास करते रहना चाहिए।