हैदराबाद: कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस की बड़ी जीत हो गई। पर सभी की नजरें इस पर टिकी हुई हैं कि अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? अब मुख्यमंत्री कौन होगा यह संस्पेंस लगभग खत्म हो गया है। मीडिया में खबरें आ रही है कि सिद्धारमय्या कर्नाटक के अगले मुख्यमंत्री होंगे और डीके शिवकुमार उपमुख्यमंत्री होंगे। दोनों 20 मई को शपथ लेंगे। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे कर्नाटक सरकार के गठन के लिए आम सहमति पर पहुंचे हैं। वहीं कांग्रेस विधायक दल (CLP) की बैठक गुरुवार शाम सात बजे बेंगलुरु में है।
खबरों के मुताबिक शपथ ग्रहण समारोह 20 मई को बेंगलुरु में होगा। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के केंद्रीय पर्यवेक्षकों को सीएलपी बैठक आयोजित करने के लिए बेंगलुरु भेजा है। इससे पहले बुधवार को कांग्रेस के कर्नाटक प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने कहा था कि कर्नाटक के अगले मुख्यमंत्री के बारे में आज या कल फैसला किया जाएगा और 72 घंटे के भीतर नया मंत्रिमंडल बन जाएगा।
कर्नाटक कांग्रेस प्रमुख डीके शिवकुमार ने सुरजेवाला से उनके आवास पर मुलाकात की थी और शिवकुमार ने अपने भाई और पार्टी सांसद डीके सुरेश के आवास पर पार्टी के नेताओं और समर्थकों से भी चर्चा की। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल, कर्नाटक के पार्टी प्रभारी रणदीप सुरजेवाला और पार्टी नेता एमबी पाटिल बुधवार शाम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर पहुंचे।
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इसी बीच वेणुगोपाल के आवास पर पहुंचने पर शिवकुमार ने कहा था कि कहने के लिए कुछ भी नहीं है। हमने इसे आलाकमान पर छोड़ दिया है। आलाकमान फोन करेगा। मैं आराम करने जा रहा हूं। राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ मुलाकात के बारे में पूछे जाने पर शिवकुमार ने था कि कुछ नहीं। कोई चर्चा नहीं। बस प्रणाम।
मुख्यमंत्री के नाम को लेकर सिद्धारमय्या और डीके शिवकुमार ने दिल्ली में पूर्व सांसद राहुल गांधी से भी मुलाकात की। राहुल गांधी को ‘जननायक’ बताते हुए कांग्रेस ने ट्वीट किया कि कर्नाटक में भारी जीत के बाद राहुल गांधी जी ने डीके शिवकुमार जी और सिद्धारमय्या जी से मुलाकात की है।
खबरों के अनुसार, शिवकुमार को छह अहम विभागों के साथ डिप्टी सीएम का प्रस्ताव दिया गया। दूसरा प्रस्ताव सत्ता के बंटवारे का था। इसके तहत सिद्धरमय्या को पहले दो व अगले तीन साल के लिए शिवकुमार को सीएम बनाने का प्रस्ताव था। शिवकुमार ने कहा था कि पहले उन्हें मौका दिया जाए। हालांकि, डिप्टी सीएम बनने के लिए वह किन शर्तों पर माने हैं, इसका खुलासा अभी नहीं हाे सका है।
बुधवार सुबह सिद्धरमय्या ने राहुल गांधी से मुलाकात की। उनके निकलने के कुछ देर बाद ही शिवकुमार पहुंच गए। इसी दौरान शिवकुमार से सोनिया गांधी की फोन पर बात करवाई गई। भरोसा दिलाने की कोशिश की गई कि उनका त्याग बेकार नहीं जाने दिया जाएगा। लेकिन शिवकुमार मुख्यमंत्री पद से कम पर तैयार नहीं हुए। एक दिन पहले दोनों नेताओं ने खरगे से भी अलग-अलग मुलाकात की थी। तीनों केंद्रीय पर्यवेक्षकों ने भी बुधवार को खरगे से उनके आवास पर मुलाकात की।
दिल्ली में बैठकों के दौर के बीच बेंगलुरु में सिद्धरमय्या समर्थक फैसले से पहले जश्न मनाना शुरू किया। समर्थकों को उनके सीएम बनने का पूरा भरोसा था। वहीं शिवकुमार के समर्थक दिल्ली में दस जनपथ के बाहर भी अपने नेता के लिए तख्तियां लेकर खड़े पाये गये।
वहीं कई दिन बीत जाने के बाद भी मुख्यमंत्री नहीं चुन पाने पर भाजपा ने कांग्रेस पार्टी पर कटाक्ष किया। कर्नाटक के मुख्यमंत्री का फैसला करने में देरी को लेकर कांग्रेस पार्टी पर कटाक्ष करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि यह पूर्ण बहुमत प्राप्त करने के बावजूद पार्टी में “एकता की कमी” दिखाई देता है।
बुधवार को पत्रकारों से बात करते हुए बोम्मई ने कहा कि कर्नाटक के लोगों ने कांग्रेस पार्टी को वोट दिया है। इसलिए उसे राज्य में विकास के लिए काम करना चाहिए। साथ ही उन्होंने ने कहा कि पूर्ण बहुमत मिलने के बावजूद मुख्यमंत्री तय करने में देरी पार्टी में एकता की कमी को दर्शाती है। कांग्रेस पार्टी को राजनीति करना बंद करना चाहिए और नए मुख्यमंत्री का चयन करना चाहिए। सरकार बनाकर लोगों की सेवा करनी चाहिए। बोम्मई ने कहा कि यह कांग्रेस पार्टी का आंतरिक मामला है और वह इसके बारे में और बात नहीं करना चाहेंगे। (एजेंसियां)