हैदराबाद/नई दिल्ली : गुरुवार को सूरत कोर्ट का फैसला आने के 24 घंटे के भीतर लोकसभा सचिवालय से नोटिफिकेशन आ गया है और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की संसद सदस्यता खत्म कर दी गई है। प्रधानमंत्री ‘मोदी सरनेम’ मानहानि मामले में कोर्ट ने राहुल को दो साल की सजा सुनाई थी। शुक्रवार को दोपहर में लोकसभा सचिवालय से नोटिफिकेशन भी आ गया।
कांग्रेस पार्टी के लिए यह बड़ा झटका है। हाल में राहुल गांधी ने कन्याकुमारी से लेकर कश्मीर तक भारत जोड़ो यात्रा निकाली थी। 2024 से पहले कांग्रेस में जान फूंकने की यह कवायद मानी जा रही थी। इसको लेकर सकारात्मक बातें कही जा रही थीं लेकिन आज राहुल को लोकसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया।
आपको बता दें कि कर्नाटक में 2019 के लोकसभा चुनाव के प्रचार अभियान के तहत कोलार में हुई एक रैली में राहुल गांधी ने कुछ इस तरह से बात की, जिससे प्रधानमंत्री मोदी का अपमान हुआ> उन्होंने आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए कहा कि मोदी के उपनाम वाले सभी चोर हैं। इसको लेकर गुजरात बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने सूरत कोर्ट में मानहानि का मुकदमा दायर किया है। कोर्ट ने इसकी जांच की और राहुल गांधी का बयान दर्ज किया। राहुल ने समझाया कि उन्होंने ऐसा नहीं कहा। लेकिन कोर्ट ने राहुल गांधी को दोषी पाया और उन्हें दो साल की जेल की सजा सुनाई। 15 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया।
गौरतलब है कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 8 (3) के अनुसार, जिस क्षण किसी संसद सदस्य को किसी भी अपराध में दोषी करार दिया जाता है और कम से कम दो साल कैद की सज़ा सुनाई जाती है। वह संसद सदस्य रहने के लिए अयोग्य हो जाता है।
कुछ विशेषज्ञों का कहना था कि दोषी करार दिए जाते ही केरल की वायनाड सीट से सांसद की लोकसभा सदस्यता ‘स्वतः’ ही अयोग्यता के दायरे में आ गई है। हालांकि कुछ अन्य का कहना था कि अगर राहुल गांधी दोषसिद्धि के फैसले को पलटवाने में कामयाब हो जाते हैं, तो अयोग्यता से बच सकते हैं।
कुछ कानूनी विशेषज्ञों के मुताबिक, भले ही राहुल गांधी को ज़मानत भी मिल गई है और उन्हें इस फैसले के खिलाफ अपील करने के लिए 30 दिन की मोहलत भी दी गई है। लेकिन अदालत के फैसले की वजह से उनकी संसद सदस्यता पर ‘स्वतः अयोग्यता’ का खतरा पैदा हो गया है।
विशेषज्ञों के अनुसार, सूरत कोर्ट के फैसले के आधार पर लोकसभा सचिवालय राहुल गांधी को अयोग्य घोषित कर उनकी संसदीय सीट को रिक्त घोषित कर सकता है। इसके बाद निर्वाचन आयोग इस सीट पर विशेष रूप से चुनाव की घोषणा करेगा।
जाने-माने वकील तथा भारतीय जनता पार्टी के सांसद महेश जेठमलानी ने कहा, “कानून के मुताबिक, वह अयोग्य हैं, लेकिन इस फैसले की जानकारी स्पीकर को दी जानी होगी। आज की तारीख में वह अयोग्य हैं।”
वरिष्ठ वकील तथा पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री कपिल सिब्बल, जो पहले कांग्रेस के ही साथ थे, ने भी कहा कि दो साल की सज़ा सुनाए जाने के साथ ही राहुल गांधी सांसद के तौर पर स्वतः अयोग्य हो चुके हैं।
अगर किसी बड़ी अदालत द्वारा इस फैसले को रद्द नहीं किया जाता है, तो राहुल गांधी अगले आठ साल तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। राहुल गांधी की टीम के मुताबिक, कांग्रेस नेता की योजना इस फैसले को सत्र अदालत (सेशन्स कोर्ट) में चुनौती देने की योजना बना रहे हैं.
अगर सज़ा को निलंबित करने और अदालती आदेश पर रोक की अपील सेशन्स कोर्ट में कबूल नहीं होती है, राहुल गांधी की टीम सुप्रीम कोर्ट में जाएंगे। (एजेंसियां)
కాంగ్రెస్ నేత రాహుల్ గాంధీపై అనర్హత వేటు
హైదరాబాద్/న్యూఢిల్లీ : కాంగ్రెస్ నేత రాహుల్ గాంధీపై అనర్హత వేటు పడింది. ఎంపీగా రాహుల్ గాంధీ చెల్లుబాటు కారని లోక్ సభ సెక్రటరీ జనరల్ ప్రకటించారు. రాహుల్ గాంధీకి సూరత్ కోర్టు రెండేళ్లు జైలు శిక్ష విధించడంతోనే ఈ నిర్ణయం తీసుకున్నట్లు వెల్లడించారు. లోక్ సభ సెక్రటరీ జనరల్ ఈ మేరకు 2023, మార్చి 24వ తేదీ నిర్ణయం తీసుకున్నారు.
2019 కర్ణాటకలో లోక్సభ ఎన్నికల ప్రచారంలో భాగంగా కోలార్లో నిర్వహించిన ర్యాలీలో ప్రధాని మోడీని కించపర్చే విధంగా రాహుల్ గాంధీ ప్రసంగించారు. మోడీ ఇంటి పేరు ఉన్నవారందరూ దొంగలు అంటూ అభ్యంతరకర వ్యాఖ్యలు చేశారు. దీనిపై గుజరాత్ బీజేపీ ఎమ్మెల్యే పూర్ణేశ్ మోడీ సూరత్ కోర్టులో పరువునష్టం దావా వేశారు. దీనిపై విచారించిన కోర్టు రాహుల్ గాంధీ వాంగ్మూలాన్ని నమోదు చేసింది. తాను అలా అనలేదని రాహుల్ వివరణ ఇచ్చారు. అయితే కోర్టు మాత్రం రాహుల్ గాంధీని దోషిగా తేల్చి రెండేళ్లు జైలు శిక్ష విధించింది. రూ.15 వేల అపరాధం కూడా విధించింది.
ప్రజాప్రాతినిధ్యం చట్టం ప్రకారం రెండేళ్లు లేదా అంతకంటే ఎక్కువ జైలుశిక్ష పడిన వ్యక్తి తీర్పు వెలువడిన తేదీ నుంచి రాజ్యంగ పదవుల్లో ఉండటానికి గానీ లేదా ఎన్నికల్లో పోటీ చేయడానికి గానీ వీల్లేదు. ఈ నేపథ్యంలోనే లోక్ సభ జనరల్ సెక్రటరీ రాహుల్ గాంధీపై అనర్హత వేటు వేశారు. (ఏజెన్సీలు)