हैदराबाद: खाजा बंदानवाज़ विश्वविद्यालय, कलबुर्गी के हिंदी विभाग द्वारा ‘आधुनिक संदर्भ में हिंदी के विविध आयाम’ विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया । इस संगोष्ठी का आयोजन हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. देशमुख अफशाँ बेगम तथा सहायक प्रोफेसर डॉ. मिलन बिश्नोई द्वारा किया गया । इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि सुप्रसिद्ध साहित्यकार, संपादक व मौलाना आजाद विश्वविद्यालय, हैदराबाद के हिंदी सलाहकार (परामर्शी) आचार्य ऋषभदेव शर्मा एवं मुख्य अतिथि तमिलनाडु केंद्रीय विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के आचार्य प्रो. एस.वी.एस.एस नारायण राजू थे।
विशिष्ट अतिथि आचार्य ऋषभदेव शर्मा ने आधुनिक हिंदी के दस आयामों पर विस्तृत व्याख्यान देते हुए बताया कि हिंदी को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आमजन के मन-मस्तिष्क में प्रतिष्ठित करने की आवश्यकता है। संवैधानिक दृष्टि से हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिया गया है किंतु हिंदी देश की राष्ट्रभाषा के रूप में लोगों के मन-मस्तिष्क रची-बसी है। उन्होंने बताया कि हिंदी सार्वजनिक भाषा, चुनावों और राजनीति, ज्ञान-परम्परा,आंदोलन की भाषा है। यानी हिंदी बाजार-दोस्त भाषा व ज्ञान-विज्ञान-कम्प्युटर की भाषा है।
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रो. एस.वी.एस.एस. नारायण राजू ने त्रिपल (त्रि-आर) के माध्यम से हिंदी को स्थापित करने का नुस्खा बताया। इस दौरान उन्होंने कहा कि हिंदी को केवल साहित्यिक दृष्टिकोण से ही नहीं बल्कि आधुनिक समय में जनसंचार व जन-जीवन के रोजगार की भाषा बनाने के लिए अधिक से अधिक प्रयास करने की आवश्यकता है। कोरोना काल में किस तरह तकनीकी माध्यम से उन्होंने अनेकानेक विद्यार्थियों लाभान्वित किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ ख़िरत (ईश्वर की वंदना) व अतिथि वक्ताओं के परिचय देने के साथ हुआ। इस कार्यक्रम का संचालन डॉ. मिलन बिश्नोई ने किया और अतिथि वक्ताओं का स्वागत व धन्यवाद ज्ञापन विभागाध्यक्ष डॉ. देशमुख अफशाँ बेगम ने किया। इस कार्यक्रम का समापन खाज़ा बंदानवाज विश्वविद्यालय,कलबुर्गी की संकाय अध्यक्ष डॉ. निशात आरिफ हुसैनी समन्वयक श्रीमती खुदसिया परवीन की उपस्थिति में हुआ ।