अमरावती : आंध्र प्रदेश सरकार ने गोपनीय जानकारी मीडिया में लीक किये जान के मामले में तीन कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है।
सरकार ने तीन कर्मचारियों को बुधवार को निलंबित कर दिया, जिन्होंने गोपनीय जानकारी मीडिया में लीक की थी। इसके कारण प्रदेश सरकार को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा था।
बताया गया है कि निलंबित किये गये तीनों कर्मचारी वित्त विभाग में कार्यरत हैं। कर्मचारियों पर आरोप है कि उन्होंने राज्य सरकार की गोपनीय जानकारियां मीडिया तक पहुंचाईं। खबर छपने के बाद जगन सरकार हरकत में आई। यह कार्रवाई तब की गई जब सरकार के कर प्रावधानों को लेकर तैयार की गई योजना को केंद्र द्वारा असंवैधानिक करार दिये जाने का पत्र मीडिया में लीक हो गया।
आंध्र प्रदेश सरकार ने 22 अप्रैल को केंद्रीय वित्त मंत्रालय को बताया था कि आंध्र प्रदेश राज्य विकास निगम के माध्यम से सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंकों से 18,500 करोड़ रुपये जुटाये गये हैं। यह रकम वित्तीय वर्ष 2020-21 में मिलने वाले कर राजस्व को गिरवी रखकर जुटाई गई है। इसके चार महीने बाद केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने भावी कर राजस्व को लेकर किए गए प्रावधान को असंवैधानिक करार दिया और वित्तीय अनियमितताओं को लेकर राज्य सरकार पर टिप्पणी भी की।
केंद्र सरकार की ओर से इस मामले पर तब ध्यान दिया गया, जब आंध्र प्रदेश सरकार के पूर्व मुख्य सचिव ने राज्य में वित्तीय अनियमितताओं को लेकर टिप्पणी की। पूर्व मुख्य सचिव आईवाईआर कृष्णा राव ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार अपनी कल्याणकारी योजनाओं को पूरा करने के लिए कर्ज का सहारा ले रही है।
इसके बाद वाईएसआर कांग्रेस के बागी सांसद रघुरामकृष्णम राजू ने भी वित्तीय अनियमितता को लेकर वित्त मंत्रालय और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा। इसके बाद केंद्रीय वित्त मंत्रालय की ओर से पत्र जारी कर राज्य के भविष्य के राजस्व प्रावधानों को असंवैधानिक करार दिया गया। मीडिया में यही पत्र बाहर आने के बाद तीनों कर्मचारियों पर निलंबन की कार्रवाई की गई है।