हैदराबाद : तेलुगु अकादमी के 64.50 करोड़ रुपये के घोटाला मामले में अब तक 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। हैदराबाद पुलिस आयुक्त अंजनी कुमार ने मीडिया को यह जानकारी दी। उन्होंने यह भी बताया कि 43 एफडीआर से संबंधित 64.50 करोड़ रुपये संतोषनगर शाखा और केनरा बैंक चंदानगर शाखा तथा यूनियन बैंक ऑफ इंडिया कारवान शाखा से अन्य बैंकों में अवैध तरीके से स्थानांतरित किया गया।
सीपी ने बताया कि इसके पीछे मुख्य आरोपी रियल इस्टेट व्यापारी कोटि साईकुमार है। साईकुमार को रियल इस्टेट व्यापार में घाटा होने के कारण उसने अपने सहयोगियों के मिलकर इस घटना को अंजाम दिया। उसके खिलाफ आंध्र प्रदेश और चेन्नई में अनेक मामले दर्ज है। साल 2015 में आंध्र प्रदेश हाउसिंग बोर्ड में 6 करोड़़ रुपये घोटाले को अंजाम दिया था। इसके बाद चेन्नई के नार्थन कोल्ड फील्ड में 25 करोड़ रुपये घोटाला किया। इन मामलों की जांच सीबीआई ने की है।
आयुक्त ने बताया कि यूनियन बैंक ऑफ इंडिया कारवान शाखा के मुख्य प्रबंधक शेख मस्ताव वली, एपी मर्कनटाइल को ऑपरेटिव क्रेक्रेडिट सोसाइटी लिमिटेड के अध्यक्ष सत्यनारायण, प्रबंधक वी पद्मावती, रिलेशनशिप प्रबंधक सय्यद मोइनुद्दीन, तेलुगु अकादमी के अकाउंटेट एस रमेश उर्फ रवि, केनरा बैंक चंदानगर शाखा की प्रबंधक एम साधना, रियल व्यापारी सी वेंकट कोटि साईकुमार, पश्चिमी गोदावरी जिला निवासी नंदुरी वेंकट रमणा, खम्मम निवासी और आरएमपी डॉक्टर वेंकटेश्वर राव तथा धर्मावरम निवासी सोमशेखर को गिरफ्तार किया।
उन्होंने बताया कि साईकुमार ने रमेश के साथ मिलकर 43 एफडीआर से संबंधित 64.50 करोड़ रुपये अलग-अलग खातों में स्थानांतरित किया। यूनियन बैंक की ओर से 27 सितंबर को इस घोटाले की शिकायत की गई। इसी शिकायत के आधार पर एफआईआर दर्ज किये गये।