हैदराबाद (सरिता सुराणा की रिपोर्ट) : सूत्रधार साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था, भारत हैदराबाद प्राचीन भारतीय संस्कृति और हमारे लोकगीतों के समृद्ध साहित्य को बढ़ावा देने हेतु विगत तीन वर्षों से अग्रणी संस्था की भूमिका निभा रही है। हमारे देश में वर्ष भर पर्व और त्यौंहारों की धूम मची रहती है और संस्था उनसे सम्बन्धित रोचक और मनोरंजक कार्यक्रम लेकर दर्शकों के समक्ष उपस्थित होती है।
इसी परम्परा को आगे बढ़ाते हुए नवरात्रि के दूसरे दिन आज गणगौर सिंजारा उत्सव का आयोजन धूमधाम से किया गया। संस्थापिका सरिता सुराणा ने पटल पर उपस्थित सभी सम्मानित अतिथियों और श्रोताओं का शब्द पुष्पों से स्वागत किया और मैरीलैंड (अमेरिका) से वरिष्ठ साहित्यकार श्रीमती अन्नदा पाटनी को कार्यक्रम की अध्यक्षता करने हेतु मंच पर सादर आमंत्रित किया।
तत्पश्चात मुख्य अतिथि श्रीमती प्रभा दूगड़ को मंच पर सादर आमंत्रित किया। कोलकाता से श्रीमती सुशीला चनानी इस कार्यक्रम की संयोजिका थीं। उनके साथ श्रीमती मृदुला कोठारी और श्रीमती शशि कांकाणी इस कार्यक्रम में आमंत्रित थीं। माता के श्लोकों से कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ।
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उसके बाद प्रभा दूगड़ ने गणगौर के महत्व और इस पर्व को कैसे मनाते हैं उसके बारे में विस्तार से सभी को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राजस्थान में यह त्यौंहार बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। कहा जाता है कि इस दिन माता पार्वती और भगवान शिव का विवाह हुआ था, जब माता पार्वती राजा हिमालय की पुत्री थी।
यह उत्सव भगवान शिव और पार्वती के प्रेम का उत्सव है। सुहागन स्त्रियां इस दिन सोलह सिंगार करके गौरां माता की पूजा करती हैं और उनसे अखंड सुहाग भाग की कामना करती हैं। उन्होंने मां को समर्पित बहुत ही भावपूर्ण कविता भी प्रस्तुत की, जिसे पटल पर उपस्थित सभी लोगों ने सराहा। उसके बाद श्रीमती मृदुला कोठारी ने बीकानेर के गणगौर उत्सव और चांदमल ढढा की गणगौर के बारे में बताया और मारवाड़ी भाषा में अपना गीत प्रस्तुत किया।
श्रीमती शशि कांकाणी ने गोर का सेवरा गीत प्रस्तुत करके सबको भावविभोर कर दिया। श्रीमती सुशीला चनानी ने मारवाड़ी भाषा में अपना गीत प्रस्तुत किया। सरिता सुराणा ने गणगौर का प्रसिद्ध गीत- घुड़ला गाकर सभी दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। अंत में अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए श्रीमती अन्नदा पाटनी जी ने कार्यक्रम की मुक्त कंठ से प्रशंसा की और सूत्रधार मंच को ऐसे कार्यक्रम के आयोजन हेतु बहुत बहुत बधाई और साधुवाद दिया।
उन्होंने पार्वती माता को समर्पित गीत प्रस्तुत किया और सभी को उत्कृष्ट प्रस्तुतियों हेतु हार्दिक बधाई दी। सुशीला चनानी के धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में श्रोतागण उपस्थित थे।