हैदराबाद: हिंदी और तकनीक समूह की ओर से ‘मोबाइल में हिंदी ऐप्स’ ई संगोष्ठी आयोजित की गई। संगोष्ठी में ऑनलाइन माध्यम से हिंदी भाषा सेवियों और हिंदी भाषा प्रेमियों ने भाग लिया। डॉ राजीव रावत के की ओर से अतिथि वक्ता विजय नगरकर का लघु परिचय और संगोष्ठी में उपस्थित तमाम सदस्यों के स्वागत के पश्चात संगोष्ठी प्रारंभ हुई।
उन्होंने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी ने जहाँ विश्व ग्राम की संकल्पना को साकार किया है वहीं हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सरकार हो या कोई कार्पोरेट या निजी कंपनी सब हर उस उपभोक्ता तक पहुँचना चाहते हैं जो स्मार्ट मोबाइल फोन का प्रयोग करता है।
विभिन्न प्रकार के उपयोगी युटिलिटी ऐप्स ने जहां इंटरनेट के माध्यम से गंतव्य वैबसाइट तक पहुँच को आसान बनाया है वहीं इसने घंटों का काम मिनटों में और मिनटों का काम सेकंडों में करना भी सुगम बनाया है। आज यही ऐप्स जहां हमारी रोजमर्रा की जिंदगी से जुड़ चुके हैं वहीं आज इनसे भाषाई दीवार भी टूटी है। अंग्रेजी का वर्चस्व अनिवार्य नहीं रहा।
साथ ही इन्ही ऐप्स से हिंदी भाषा का प्रचार-प्रसार और उपयोग भी निरंतर बढ़ रहा है इन तमाम विषयों पर भारत संचार निगम लिमिटेड विभाग अहमदनगर से सेवा निवृत्त राजभाषा अधिकारी विजय नगरकर ने अपने वक्तव्य में सभी विषयों पर बारीकी से प्रकाश डाला और मोबाइल फोन के लिए बनाए गए ऐसे ही ऐप्स पर चर्चा के साथ सुंदर ढंग से बताया। यह संगोष्ठी हिंदी के प्रचार-प्रसार के क्षेत्र में काम करने वाले सभी प्रयोक्ताओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण रहा।
तत्पश्चात समूह के वरिष्ठ सदस्य रिजर्व बैंक के सेवा निवृत्त अधिकारी ओ पी अग्रवाल, हैदराबाद केंद्रीय हिंदी संस्थान के क्षेत्रीय निदेशक डॉ गंगाधर वानोडे़, डॉ वेंकटेश्वर राव और हरिराम पंसारी ने संगोष्ठी की उपयोगिता और वक्ता आदरणीय विजय नगरकर का सराहना के साथ समाहार किया गया। इस दौरान प्रतिभागियों के कुछ प्रश्नों का समाधान भी किया गया।
अंत में समूह के वरिष्ठ सदस्य और तकनीक विद्वान डॉ मोहन बहुगुणा के सुंदर धन्यवाद ज्ञापन के साथ संगोष्ठी संपन्न हुई। महादेव एस कोलूर, सेवा निवृत्त राजभाषा अधिकारी विजयपुर एवं सदस्य सचिव नराकास बागलकोट कर्नाटक ने कार्यक्रम की रिपोर्ट तैयार की।