तेलंगाना कुंभ मेला सम्मक्का सारलम्मा मेडारम जातरा समाप्त, वनदेवाताओं का वन में प्रवेश, यह रहा आकर्षण

तेलंगाना के कुंभ मेला सम्मक्का सारलम्मा मेडारम जातरा शनिवार शाम को समाप्त हो गया। सम्मक्का-सारलम्मा वन में प्रवेश कर गईं। अंतिम दिन वनदेवताओं के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। राज्यपाल तमिलिसाई ने सम्मक्का-सारलम्मा के दर्शन करने आई। उन्होंने अधिकारियों के रवैये पर अपना गुस्सा जाहिर किया। रेवंत रेड्डी ने सवाल किया कि सीएम केसीआर और पीएम मोदी मेडारम क्यों नहीं आये। विधायक सीताक्का ने कहा कि जातरा की सफलता के लिए अनेक अपमान सहना पड़ा है।

हैदराबाद : मेडारम सम्मक्का-सारलम्मा वन प्रवेश महोत्सव भव्य रूप से संपन्न हुआ। इन चार दिनों में लगभग 1.25 करोड़ भक्तों ने वनदेवताओं के दर्शन किये। ढोल-नगाड़ों के बीच पुजारियों ने वनदेवताओं को जंगल में ले गये। गद्दे (सिंहासन) पर विशेष पूजा करने के बाद पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच सामक्का-सारलम्मा को वन की ओर ले गये। राज्यपाल तमिलिसाई वनदेवातोँ के दर्शन किये और सोना चढ़ाया और पूजा की।

मुलुगु जिलाधीश कृष्णादित्य और पुलिस अधीक्षक संग्राम सिंह पाटिल ने कहा कि मेडारम जातरा सफल रहा है। मंत्री और पुलिस समेत जिले के सभी विभागों का अच्छा सहयोग रहा है।

इसी क्रम मेडारम कन्नेपल्ली सरलम्मा पुजारी आंदोलन पर उतर आये। आरोप लगाया कि पुलिस ने उनके साथ मारपीट की। सड़क पर बैरिकेड्स लगाकर आंदोलन पर बैठ गये। वरिष्ठ अधिकारियों के समझाने पर पूजारियों ने आंदोलन वापस लिया।

आज अंतिम दिन भक्तों का तांता लगा रहा। श्रद्धालुओं ने वनदेवाताओं को साड़ी और सोना भेंट किया। गद्देला परिसर और जम्पन्नावागु के पास भक्तों की कापी भीड़ लगी रही। आदिवासियों के नृत्य मेडारम जातरा में मुख्य आकर्षण रहा है।

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