National Herald Case: राहुल गांधी से लंबी पूछताछ, तेलंगाना में भी विरोध प्रदर्शन

हैदराबाद: कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी से नेशनल हेराल्ड केस में सोमवार को करीब तीन घंटे लंबी पूछताछ की गई। इसके बाद वह सीधे ईडी ऑफिस से निकलकर तुगलक लेन स्थित अपने आवास पर पहुंच गये। पता चला है कि पूछताछ के दौरान उनके बैंक एकाउंट्स और यंग इंडिया समेत कई सवाल किये गये। दूसरी तरफ इसके विरोध में कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं ने सड़क पर विरोध मार्च और प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस ने कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समेत कई बड़े नेताओं और कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया।

सीएम अशोक गहलोत ने अपने फेसबुक पोस्ट पर लिखा कि ईडी के दफ्तर जाते हुए दिल्ली पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया है। मल्लिकार्जुन खड़गे, जयराम रमेश, मुकुल वासनिक, दिग्विजय सिंह, दीपेंद्र हुड्डा, पवन खेड़ा, पीएल पूनिया, गौरव गोगोई, मीनाक्षी नटराजन सहित कांग्रेस नेताओं को सेंट्रल दिल्ली से दूर बस में बैठाकर दिल्ली के एक दूसरे कोने में कहीं पुलिस स्टेशन में ले जाया गया है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं के हिरासत में लिये जाने की खबर मिलते ही प्रियंका गांधी खुद तुगलक रोड थाने पहुंच गई।

इससे पहले, राहुल गांधी ईडी कार्यालय तक जाने के लिए कांग्रेस मुख्यालय से थोड़ी दूर तक पैदल चलते गये। पुलिस ने इस दौरान कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को रोक दिया। सुबह करीब 11 बजे राहुल गांधी का काफिला ईडी कार्यालय पहुंच गया।

पुलिस ने कांग्रेस पार्टी के प्रस्तावित मार्च और आंदोलन के मद्देनजर कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया और पार्टी मुख्यालय के आसपास धारा 144 लगा दी गई। मुख्य विपक्षी दल के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ईडी को भाजपा का इलेक्शन मैनेजमेंट डिमार्टमेंट करार दिया और आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार ने कांग्रेस के ‘सत्याग्रह’ को रोकने के लिए नयी दिल्ली के इलाके में अघोषित आपातकाल लगा दिया है।

राहुल गांधी की पेशी को देखते हुए कांग्रेस पार्टी ने देश भर में ईडी कार्यालयों के बाहर ‘सत्याग्रह’ का फैसला किया था और दिल्ली में भी बड़े पैमाने पर शक्ति प्रदर्शन की तैयारी कर रखी थी। ईडी ने ‘नेशनल हेराल्ड’ से जुड़े कथित धनशोधन के मामले में राहुल गांधी को पूछताछ के लिए बुलाया। जांच एजेंसी ने इससे पहले राहुल गांधी को 2 जून को पेश होने के लिये कहा था। लेकिन उन्होंने पेश होने के लिए कोई दूसरी तारीख देने का अनुरोध करते हुए कहा था कि वह विदेश में हैं।

जांच एजेंसी ने इसी मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को 23 जून को तलब किया है। सोनिया को पहले 8 जून को पेश होने के लिए नोटिस दिया गया था। हालांकि कांग्रेस अध्यक्ष ने पेश होने के लिए और समय मांगा था। क्योंकि वह कोरोना वायरस से संक्रमित हैं और अब तक स्वस्थ नहीं हुई हैं।

कांग्रेस पार्टी का कहना है कि उसके शीर्ष नेताओं के खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार हैं। ईडी की कार्रवाई प्रतिशोध की राजनीति के तहत की जा रही है। आगे कहा है कि वह एवं उसका नेतृत्व झुकने वाले नहीं है। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सुरजेवाला ने कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के खिलाफ लगे आरोपों को निराधार करार देते हुए कहा, “कांग्रेस एक राजनीतिक पार्टी है और एक राजनीतिक पार्टी किसी कंपनी में हिस्सेदारी नहीं खरीद सकता है। इसलिए, ‘यंग इंडियन’ के नाम से एक गैर-लाभकारी कंपनी (नॉट फॉर प्रॉफिट कंपनी) को ‘नेशनल हेराल्ड’ एवं एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड के शेयर दिये गये, ताकि 90 करोड़ रुपये का कर्ज खत्म हो सके।”

इसी क्रम में तेलंगाना कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व में राजीव गांधी के समर्थन में बशीरबाग स्थित ईडी कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन किया गया। इस विरोध प्रदर्शन कार्यक्रम में अध्यक्ष रेवंत रेड्डी और अन्य नेताओं ने भाग लिया। इस अवसर पर टीपीसीसी के अध्यक्ष रेवंत रेड्डी ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने गांधी परिवार के खिलाफ अवैध मामले दर्ज किए हैं। उन्होंने कहा कि सोनिया और राहुल गांधी के खिलाफ मामला दर्ज करना गलत है। नेशनल हेराल्ड ने स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। रेवंत रेड्डी ने आगे कहा कि देश की अखंडता के लिए पत्रिका को फिर से चलाने का निर्णय लिया गया था और नुकसान में चल रही पत्रिका को बचाने के लिए कांग्रेस ने 90 करोड़ रुपये दिए थे। उन्होंने कहा कि भाजपा की साजिशों को बताने के लिए पत्रिका चल रही है। रेवंत रेड्डी ने आरोप लगाया कि 2015 बंद हो चुकी जांच को मोदी सरकार ने फिर से शुरू किया है। सोनिया गांधी और राहुल गांधी की छवि खराब करने की साजिश की जा रही है। रेवंत रेड्डी ने कहा कि लोग केंद्र सरकार के रवैये पर नजर बनाए हुए हैं और उचित समय पर जवाब देने के लिए तैयार हैं।

नेशनल हेराल्ड मामले पर अनुराग ठाकुर की टिप्पणी

नेशनल हेराल्ड मामले पर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि समय-समय पर कांग्रेस पार्टी संवैधानिक संस्थाओं पर प्रश्न चिन्ह खड़े करती रही और जिन्होंने लंबे समय तक देश पर राज किया। आज उनके ऊपर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं। आज वो जांच एंजेसियों से डर रहे हैं। सवाल किया कि क्या छिपाना चाहते हैं? उन्होंने आगे कहा कि जो खुद को सबसे पुराना राजनीतिक दल कहते हैं आज वो लोकतंत्र को बचाने का नहीं दो हजार करोड़ रुपए की गांधी परिवार की संपत्ति को बचाने का काम कर रहे हैं। यह सब अपने आप में प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है और लगता है कि दाल में कुछ काला है या फिर पूरी दाल ही काली है।

(एजेंसियां)

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