धमकी या प्रलोभन? प्रवलिका के आत्महत्या पर मां और भाई ने बदले बयान, संदेह के घेरे में हैं…

हैदराबाद: प्रवलिका की आत्महत्या से पूरे तेलंगाना में हड़कंप मच गया है। इसी क्रम में छात्रों से लेकर तमाम विपक्षी दलों, सत्ताधारियों ने टीएसपीएससी की आलोचना की है। आरोप लगाए गए कि यह एक सरकारी हत्या थी। उसके पिता लिंगय्या ने कहा कि प्रवलिका ने आत्महत्या करने से कुछ मिनट पहले उनसे बात की थी। उसने कहा कि उसे दुख है कि ग्रुप 2 की परीक्षाएं स्थगित कर दी गईं। प्रवलिका की आत्महत्या के दो दिन बाद भी उसके परिवार वालों ने कहीं भी शिवराम राठौड़ का नाम नहीं लिया। सुसाइड नोट में न तो उसका नाम और न ही उसके प्रेम संबंध का जिक्र है, जिसके बारे में कहा जा रहा है कि यह नोट प्रवलिका ने लिखा है। ऐसे में प्रवालिका की मां और भाई का तीन दिन के अंदर अपनी बात बदल देना कई संदेह पैदा करता है।

गौरतलब है कि वरंगल जिले के दुग्गोंडी मंडल के बिक्काजीपल्ली गांव निवासी प्रवलिका ने गणित में स्नातक की डिग्री पूरी की थी। वह दो साल पहले सरकारी नौकरी पाने के लिए हैदराबाद आई और प्रतियोगी (ग्रुप) परीक्षाओं की तैयारी कर रही थी। इसी क्रम में ग्रुप 1, 2, 3, 4 ग्रुप परीक्षा के लिए आवेदन किया। इसी क्रम में 2 और 3 नवंबर को होने वाली ग्रुप 2 की परीक्षाएं स्थगित कर दी गईं। पिछले शुक्रवार की रात उसने इसी बात को लेकर अपने पिता लिंगय्या को फोन किया। लिंगया ने खुद ये बात कही थी। पिता के साथ फोन करने की रात को उसने पंखे से लटककर आत्महत्या कर ली। प्रवलिका के आत्महत्या से पूरे राज्य में सनसनी फैल गई। बेरोजगारों ने प्रवलिका की आत्महत्या को सरकार की हत्या बताते हुए कड़ी आलोचना की है।

प्रवलिका के आत्महत्या के 24 घंटे से भी कम समय में सेंट्रल ज़ोन के डीसीपी वेंकटेश्वरलू ने एक मीडिया कॉन्फ्रेंस की और घोषणा की कि प्रवलिका की आत्महत्या का कारण प्रेम प्रसंग रहा है। बताया कि कोस्गी इलाके के शिवराम राठौड़ ने उसे धोखा देकर दूसरी युवती से सगाई कर ली थी। इसलिए प्रवलिका ने अपनी जान दे दी। प्रवलिका के मोबाइल फोन में प्रेम प्रतीकों वाली व्हाट्सएप चैट हैं। उसका मोबाइल फोन लॉक नहीं था। इसीलिए वह इन चैट्स को देख पाये। इससे कई लोगों में संदेह पैदा हो गया।

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आजकल हर कोई फोन को लॉक लगा रहे हैं। कई लोगों को संदेह है कि हॉस्टल के कमरे में कुछ अन्य लोगों के साथ रहने वाली प्रवलिका ने अपने मोबाइल पर लॉक क्यों नहीं लगाया। इसके अलावा, डीसीपी वेंकटेश्वरलू ने कहा कि उन्होंने व्हाट्सएप चैट देखा है और उस सेल फोन को फोरेंसिक प्रयोगशाला में भेजेंगे और पूरा डेटा प्राप्त करेंगे। इस बारे में एक सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मोबाइल फोन का डेटा प्राप्त करने में तीन से एक सप्ताह का समय लगेगा। ऐसे में प्रवालिका के आत्महत्या के 24 घंटे बीतने से पहले ही पुलिस ने शिवराम राठौड़ को उसकी आत्महत्या के लिए जिम्मेदार बताना घोर अन्याय है।

प्रवलिका ने सुसाइड नोट में लिखा है- “मैं बहुत दरिद्र हूं। मेरे कारण तुम सदैव दुःख भोगते आ रहे है। मत रो माँ। सावधान रहना। मैं तुम्हें पाकर भाग्यशाली हूं मां। आपने मुझे मेरे पैरों को जमीन पर रखने नहीं दिया। आपके साथ बहुत अन्याय कर रही हूं। मुझे कोई माफ नहीं करेगा। मैं आपके लिए कुछ नहीं कर पाई हूँ। प्रणय…माता-पिता की अच्छी देखभाल करना।” कहीं पर भी प्रेम प्रसंग का उल्लेख है और न ही शिवराम राठौड़ के नाम का जिक्र है।

आत्महत्या के पहले दिन प्रवालिका की मां और भाई की बातें और तीसरे दिन जारी किए गए वीडियो के बयान मेल नहीं खाते। बेरोजगार युवकों और विपक्ष का आरोप है कि उनके बयान बदलने के पीछे सत्ता पक्ष और पुलिस का हाथ है। आलोचना की जा रही है कि यह सब डैमेज कंट्रोल के तहत किया जा रहा है। वे सवाल कर रहे हैं कि प्रवलिका की आत्महत्या के 24 घंटे के भीतर पुलिस को जल्दबाजी में मीडिया कॉन्फ्रेंस करके प्रवलिका की आत्महत्या को प्रेम प्रसंग बताने की क्या जरूरत थी।

इसी बीच सोशल मीडिया पर यह खबर वायरल हो गई है कि पुलिस को प्रवलिका की मां विजया और छोटे भाई प्रणय को प्रगति भवन लाने के निर्देश भेजे गए हैं। मंगलवार सुबह विजया और प्रणय अपने गांव बिक्काजीपल्ली से गायब हो गए। इस संबंध में ग्रामीणों से बात करने पर उन्होंने कहा कि वे अस्पताल जाने की बात कहकर गये हैं। हालांकि, आशंका व्यक्त की गई है कि पुलिस ने ही उन्हें गांव से दूर ले गई।

अब तक की जांच में शिवराम राठौड़ पर संदेह जताया गया है। लेकिन इस बात की कहीं भी पुष्टि नहीं हुई है कि प्रवलिका ने उसकी वजह से आत्महत्या की है। हालांकि, कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि प्रवलिका की मां विजया और उसके छोटे भाई प्रणय का ताजा वीडियो में शिवराम राठौड़ को फांसी देने या मुठभेड़ करने की मांग करना पूरी तरह से निरर्थक है। प्रवलिका की मां विजया और छोटे भाई प्रणय की मांग शिवराम राठौड़ को फांसी देने या मुठभेड़ करने का हाल ही में जारी वीडियो पूरी तरह से निरर्थक है। आशंका जताई जा रही है कि यह सब चुनाव के दौरान चल रहे इस सियासी शतरंज के खेल में शिवराम राठौड़ की बलि का बकरा बनाया जा रहा है।

चिक्कडपल्ली पुलिस ने मंगलवार को प्रवलिका आत्महत्या मामले में शिवराम राठौड़ के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 417 और 306 के तहत मामला दर्ज किया। उसकी तलाश की जा रही है। बताया गया है कि पुलिस उसकी तलाश करने पुलिस कोस्गी गई है।

पहले दिन का बयान

प्रवलिका की मां विजया ने बेटी के बातों को याद करते हुए पहले दिन कहा था– “सरकारी नौकरी हासिल करूंगी। सभी परीक्षाएं लिखकर आऊंगी। ग्रुप 4 की परीक्षा लिखी और अच्छे परिणाण के लिए तीन दिन तक उपवास किया। इस दौरान उसे बुखार भी आया। उसके बाद गांव आई और हैदराबाद जाने के लिए निकली तो हमने मना किया। लेकिन वह नहीं मानी। उसने बताया कि गांधी अस्पताल में काम करे तो 18,000 रुपये वेतन मिलेगा कहकर चली गई। उसकी नौकरी का सत्यानाश हो जाये।

प्रवलिका के भाई प्रणय ने पहले दिन कहा था– “मेरी बहन ने सरकारी नौकरी पाने के उद्देश्य से पढ़ाई की। ग्रुप 2 की परीक्षा के लिए जमकर तैयारी की। उसी समय परीक्षाएँ स्थगित कर दी गईं और वह बहुत निराश और उदास हो गई। इसी क्रम में उसने अपनी जान ले ली।”

नवीनतम वीडियो

ताजा वीडियो में विजया ने कहा- “मेरा बेटी को दो साल से हैदराबाद में पढ़ रही हूं। शिवराम ने मेरी बेटी को प्रताड़ित किया। इसे सहन न कर पाने के कारण मेरी बेटी ने फांसी लगा ली। इसके लिए जिम्मेदार शिवराम को कड़ी सजा मिलनी चाहिए। उसे फाँसी होनी चाहिए। हमें राजनीति में मत घसीटो।”

प्रणय ने कहा- “शिवराम ने मेरी बड़ी बहन को गंभीर उत्पीड़न का शिकार बनाया। न चाहते हुए भी वह फोन करता था। वह हॉस्टल के पास आकर सबके सामने परेशान करता था। उसकी प्रताड़ना को किसी को नहीं बता पाई। मेरी बहन गंभीर अवसाद के कारण आत्महत्या कर ली। शिवराम को फाँसी की सजा दें या एनकाउंटर में मार देना चाहिए।

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