हैदराबाद : आंध्र प्रदेश के गुंटूर शहर में ‘जिन्ना टॉवर’ (स्तूप) को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। टॉवर को लेकर राजनीतिक रंग दिया जा रहा है। भाजपा नेता मांग कर रहे हैं कि जिन्ना के नाम पर बने टॉवर, जिसके कारण देश का बंटवारा हुआ, का नाम बदला जाए या स्तूप को ही हटा दिया जाए। साथ ही सवाल कर रहे है कि पाकिस्तान के राष्ट्रपिता के नाम से प्रसिद्ध मुहम्मद अली जिन्ना के नाम पर गुंटूर में स्तूप क्यों है?
जानिए क्या है इसके पीछे का इतिहास?
इस टॉवर का निर्माण कार्य 1942 में शुरू हुआ था। आजादी से पहले भारत और पाकिस्तान मिले हुए थे। पूरा देश आजादी की लड़ाई लड़ रहा था। मुहम्मद अली जिन्ना भी स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल नेताओं में से एक थे। 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान संघर्ष काफी जोरों पर था। उसी समय टॉवर का निर्माण शुरू हुआ था।
जिन्ना को आमंत्रित
1945 में स्तूप बनकर तैयार हो गया। तब गुंटूर में लाल जॉन बाशा मुख्य नेताओं में से एक थे। इसी क्रम में बाशा ने गुंटूर में मोहम्मद अली जिन्ना के साथ एक विशाल बैठक करने का संकल्प लिया। मुंबई गये और जिन्ना को आमंत्रित किया। बैठक के आयोजन को लेकर व्यापक इंतजाम किए गए हैं। उनकी इच्छा थी कि जिन्ना के हाथों स्मारक का अनावरण किया जाये।
स्तूप का अनावरण
हालांकि, जिन्ना अंतिम समय में बैठक में शामिल नहीं हो पाये। जिन्ना की जगह उनके करीबी जुदा लियाकत अली खान उस सभा में भाग लिया। उस समय सभा भाग लेने के लिए आये स्वतंत्रता सेनानियों ने ही स्तूप का अनावरण किया और चले गए। प्रारंभ में गांधीजी, नेहरू आदि नेताओं के साथ जिन्ना ने मिलकर काम किया।
मील का पत्थर
इसके बाद जिन्ना ने एक अलग देश की मांग की। उसके बाद यही मांग देश के विभाजन का कारण बना। हालांकि तब से गुंटूर में
अनावरण किया गया स्तूप जिन्ना के नाम से जाना जाता है। यह तब से यह स्तूप गुंटूर शहर में एक मील का पत्थर बना हुआ है।
ट्विटर पर पोस्ट किया
स्तूप गुंटूर शहर की मुख्य सड़क पर स्थित है। इस टॉवर के पास कई शॉपिंग मॉल हैं। आजादी के पहले से यहां सभी धर्म के लोग मिलजुलकर रहे हैं। इस मामले को लेकर छिड़ा ताजा विवाद से स्थानीय लोग चिंतित है। बीजेपी के एक कार्यकर्ता ने ट्विटर पर पोस्ट किया कि जिन्ना टॉवर सर्किल को गिरा दिया जाये या नाम बदल दिया जाये। इसके साथ ही यह चर्चा का विषय बन गया है।
सोमू वीरराजू
दूसरी ओर बीजेपी एपी अध्यक्ष सोमू वीरराजू ने कहा कि जिन्ना एक देशद्रोही हैं। ऐसे देशद्रोहियों के नाम से जहां कहीं पर भी ऐसे टॉवर रहे तो हटा दिए जाने चाहिए।