अमरावती: फिल्मी प्रेमियों को टिकटों के लिए कतारों में खड़े रहने की अब जरूरत नहीं है। आंध्र प्रदेश में सरकार और फिल्म उद्योग के बीच सिनेमा टिकटों की ऑनलाइन बिक्री पर सहमति बनी है। सूचना, नागरिक संबंध एवं परिवहन मंत्री पेर्नी वेंकटरामय्या (नानी) ने मीडिया को यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि फिल्म टिकटों की ऑनलाइन बिक्री पर फिल्म उद्योग आम सहमति बनी है। जल्द ही प्रदेश के सभी सिनेमाघरों में ऑनलाइन व्यवस्था शुरू की जाएगी। फिल्म टिकटों के लिए ऑनलाइन बुकिंग प्रणाली 2002 से लागू नहीं की गई है। उन्होंने बताया कि वाईएस जगन सरकार ने इस विषय को लेकर विभिन्न समितियों का गठन किया।
इसी के तहत तेलुगु फिल्म उद्योग के संबंध में तेलुगु फिल्म चैंबर के प्रतिनिधि, निर्माता, वितरक, प्रदर्शकों और हितधारकों के साथ सोमवार को एक विशेष बैठक की गई। ऑनलाइन टिकटों की बिक्री पर आम सहमति बनने के चलते फिल्म उद्योग से संबंधित अनेक समस्याओँ को सरकार के सामने आये हैं। मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी के पास उनकी अपीलों को लेकर जाएंगे। सरकार द्वारा तय की गई दरों के बारे में बताया गया और जल्द ही उन पर फैसला लिया जाएगा।
तेलुगु फिल्म उद्योग खुश : सी कल्याण
बैठक के बाद निर्माता सी कल्याण ने कहा कि सरकार के आश्वासन से तेलुगु फिल्म उद्योग काफी खुश है। उन्होंने बताया कि सरकार ने टिकट दरों में संशोधन, 100 प्रतिशत अक्युपेंसी (अधिभोग), प्रतिदिन चार शो, बिजली बिल और अन्य विषयों को सरकार को अवगत कराया गया है। सरकार से फिल्म उद्योग में पारदर्शिता के लिए ऑनलाइन टिकट प्रणाली लाने की अपील की गई है।
एक सरकारी पोर्टल होना चाहिए : शेषगिरी राव
एक अन्य निर्माता आदि शेषगिरी राव ने कहा कि साल 2006 में ऑनलाइन टिकट प्रणाली वैकल्पिक थी। अब हम सरकार से इसे अनिवार्य करने का आग्रह किया हैं। पारदर्शिता के लिए एक सरकारी पोर्टल होना चाहिए। एपी में 1,800 थिएटर हुआ करते थे। अब घटकर 1,200 हो गई है। इनमें से 500 थिएटर अभी तक खुले नहीं हैं।