हैदराबाद: केंद्रीय विश्वविद्यालयों में दाखिले के लिए नियम बदले है। देश की सभी सेंट्रल यूनिवर्सिटी को लेकर यूजीसी ने इसे लेकर बड़ी घोषणा की गई है। यूजीसी चेयरमैन एम जगदीश कुमार ने बताया कि देश की सभी 45 केंद्रीय विश्वविद्यालयों के ग्रेजुएट कोर्स में दाखिले के लिए जुलाई के पहले हफ्ते में कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) कराया जाएगा। यह कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट एक कंप्यूटर बेस्ड एग्जाम है। इस एग्जाम को नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) की तरफ से आयोजित किया जाएगा। इसके दिशानिर्देश जल्दी ही जारी कर दिया जाएगा। अप्रैल के पहले हफ्ते से ही परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
यूजीसी के चेयरमैन ने बताया कि विश्वविद्यालय में दाखिला सीयूईटी स्कोर के आधार पर ही होगा। 12वीं बोर्ड के परिणामों को कोई वेटेज नहीं मिलेगा। यानी अब सेंट्रल यूनिवर्सिटी में दाखिले के लिए 12वीं का परिणाम आधार नहीं होगा। परीक्षा के बाद तैयार की गई एनटीए की मेरिट लिस्ट पर ही स्टूडेंट्स का दाखिला संभव होगा।
गौरतलब है कि 45 केंद्रीय विश्वविद्यालयों को यूजीसी से आर्थिक मदद मिलती है। जगदीश कुमार ने कहा कि सीयूईटी का सिलेबस एनसीईआरटी के 12वीं क्लास के सिलेबस से मिलता-जुलता ही होगा। सीयूईटी में सेक्शन-1 ए, सेक्शन-1 बी, सामान्य परीक्षा और कोर्स-स्पेसिफिक सब्जेक्ट होंगे। सेक्शन-1 ए अनिवार्य होगा। यह परीक्षा 13 भाषाओं में होगा और छात्र इनमें से अपनी पसंद की भाषा का चयन कर सकते हैं। प्रवेश परीक्षा के 3 भाग होंगे। यह 2 पालियों में आयोजित की जाएगी। परीक्षा हिंदी, कन्नड़, मलयालम, उर्दू, असमिया, बंगाली, पंजाबी, उड़िया, इंग्लिश, मराठी, तमिल, तेलुगु और गुजराती जैसी 13 भाषाओं में आयोजित की जाएगी।
एम जगदीश कुमार ने कहा कि सीयूईटी का यूनिवर्सिटी की आरक्षण नीति पर कोई प्रभाव नहीं होगा। सीयूईटी के बाद किसी भी केंद्रीय काउंसलिंग का आयोजन नहीं होगा। उन्होंने कहा कि डोमेन-स्पेसिफिक सब्जेक्ट्स के तहत, एक कैंडिडेट अधिकतम 6 डोमेन चुन सकता है। इससे वे ग्रेजुएशन के स्तर पर आगे बढ़ाना चाहते हैं। कुछ डोमेन एंथ्रोपोलॉजी, अकाउंटिंग, बुक-कीपिंग आदि हैं। कुछ यूनिवर्सिटी ऐसी भी हैं जो डोमेन-स्पेसिफिक सिलेबस में प्रवेश के लिए एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया के रूप में सामान्य परीक्षा भी आयोजित करती हैं। इसलिए ये भी सीयूईटी का एक हिस्सा है। इसके अलावा यूनिवर्सिटी को सीयूईटी के साथ-साथ संगीत, ललित कला, रंगमंच जैसे सिलेबस के लिए प्रैक्टिकल और इंटरव्यू आयोजित करने की अनुमति होगी। उन्होंने कहा कि कॉमन एंट्रेंस टेस्ट सभी बोर्डों के स्टूडेंट्स को विशेष रूप से पूर्वोत्तर और ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों को समान अवसर देगा।
उल्लेखनीय है कि जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी, दिल्ली यूनिवर्सिटी, जामिया मिलिया इस्लामिया, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी, इग्नू समेत सभी 45 सेंट्रल यूनिवर्सिटी सीयूईटी के तहत आएंगी। चेयरमैन ने यह भी साफ किया है कि जिन यूनिवर्सिटी में अल्पसंख्यकों के लिए सीटें आरक्षित करते हैं, वो भी सीयूईटी पैटर्न के तहत ही दाखिला देंगे। हालांकि कोटा व्यवस्था इससे प्रभावित नहीं होगी। (एजेंसियां)