Tokyo Olympics-2020: पहलवान रवि दहिया ने कुश्ती में जीता रजत पदक, भारत के खाते में पांच मेडल

हैदराबाद : टोक्यो ओलंपिक में गुरुवार को दिन भारत के लिए दो पदक मिले हैं। पहले हॉकी टीम ने कांस्य पदक अपने नाम किया। दूसरा भारतीय पहलवान रवि दहिया ने कुश्ती में रजत पदक हासिल किया है। मगर कुश्ती में दूसरे पदक की उम्मीद दीपक पूनिया अपना कांस्य पदक मुक़ाबला हार गये। रवि कुमार दहिया 57 किलोग्राम फ़्री स्टाइल कुश्ती के फ़ाइनल में रूसी ओलंपिक समिति के पहलवान ज़ोर उगुएव से 7-4 से हार गये। वहीं 86 किलोग्राम फ़्री स्टाइल कुश्ती में पूनिया यूरोपीय देश सैन मारिनो के पहलवान माइल्स अमीन से पराजित हो गये।

रवि के 57 किलोग्राम फ़्री स्टाइल कुश्ती के फ़ाइनल के पहले हाफ की शुरुआत दो अंक गंवाने के साथ हुई है। रवि ने जल्द ही बराबरी कर ली, लेकिन रूसी ओलंपिक समिति के पहलवान पहले हाफ में 4-2 से आगे रहे है। दूसरे हाफ में भी रवि केवल दो ही अंक बना पाये। वहीं ज़ोर उगुएव ने तीन अंक बनाए और मुक़ाबला 7-4 से जीत लिया है। भारतीय पहलवान रवि कुमार दहिया भले ही ओलंपिक में स्वर्ण से चूक गए, लेकिन उन्होंने रजत पदक के साथ भारत का नाम रोशन कर दिया। रवि को कुश्ती के 57 किलोग्राम भारवर्ग के फाइनल में दो बार के वर्ल्ड चैंपियन रूस के जावुर युगुऐव से हारने के बाद रजत पदक से संतोष करना पड़ा। 

मैच की शुरुआत से ही युगुऐव ने रवि पर बढ़त बना ली। उन्होंने अपना स्कोर 2-0 के साथ आगे बढ़ाया। इसके बाद रवि ने वापसी करते हुए मुकाबला 2-2 से बराबर कर दिया, लेकिन पहला हाफ यानी तीन मिनट का खेल खत्म होने से पहले युगुऐव ने अपनी बढ़त दोगुनी कर ली। दूसरे हाफ में भी युगुऐव हावी रहे। पहले एक और फिर दो-दो अंक लेकर उन्होंने 7-4 से मैच अपने नाम कर लिया। मैच में रवि ने तीन बड़े दांव खेले, लेकिन युगुऐव के मजबूत डिफेंस ने उन्हें कामयाब नहीं होने दिया। इस तरह रवि ओलंपिक में स्वर्ण जीतने से चूक गये।

युगुऐव रूस से आने वाले सर्वश्रेष्ठ पहलवानों में से एक माने जाते हैं। उन्होंने अब तक करियर में 16 अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में 15 पदक अपने नाम किए हैं। इसमें 13 स्वर्ण पदक भी शामिल हैं। वे 2018 और 2019 वर्ल्ड चैंपियनशिप विजेता भी रह चुके हैं। इससे पहले चौथी वरीयता प्राप्त रवि दहिया ने सेमीफाइनल में कजाकिस्तान के नूरीस्लाम को चित करके फाइनल में जगह बनाई थी। सेमीफाइनल में रवि एक समय 8 पॉइंट से पीछे चल रहे थे। भारतीय खेल प्रेमी उम्मीदें हारने लगे थे, लेकिन आखिरी वक्त पर रवि ने कजाक पहलवान को चित कर मुकाबले से ही बाहर कर दिया। उन्हें विक्ट्री बाय फॉल नियम के तहत विजेता करार दिया गया था।

रवि दहिया के माता-पिता जीते पदकों को दिखात हुए

इस मैच के खत्म होने के बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हुआ। इसमें नूरीस्लाम मैच के दौरान पहलवान रवि की बाजू पर काटते हुए नजर आ रहे थे। दरअसल, मैच की शुरुआत में नूरीस्लाम आसानी से मैच जीत रहे थे। कुछ देर बाद ही रवि ने जोरदार वापसी की और मैच का पासा ही पलट दिया। इससे घबराए नूरीस्लाम ने उनकी बाजू में दांत गड़ाने शुरू कर दिए, लेकिन रवि ने दर्द के बावजूद अपना दांव ढीला नहीं पड़ने दिया। रवि और युगुऐव, दोनों इससे पहले 2019 वर्ल्ड चैंपियनशिप में भिड़ चुके हैं। तब रूसी रेसलर ने भारतीय पहलवान को 6-4 से हराया था। रवि को यहां कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा था। रवि ने 2020 और 2021 एशियन चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक अपने नाम किया था। वहीं, 2018 अंडर-23 चैंपियनशिप में रवि रजत पदक जीतने में कामयाब हुए थे।

पहलवान सुशील कुमार ने भारत के लिए ओलंपिक में लगातार दो पदक जीतने का रिकॉर्ड बनाया था। सुशील 2008 बीजिंग ओलंपिक में कांस्य और 2012 लंदन ओलंपिक में रजत पदक जीतकर ऐसा करने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बने थे। रवि से पहले भारत ने कुश्ती में पांच पदक जीते हैं। सुशील के अलावा योगेश्वर दत्त ने 2012 में कांस्य, साक्षी मलिक ने 2016 रियो ओलंपिक में कांस्य पदक जीता था। केडी जाधव भारत के लिए ओलंपिक कुश्ती में पदक जीतने वाले पहले पहलवान थे। उन्होंने 1952 हेलसिंकी ओलंपिक में यह कारनामा किया था। रवि ने टोक्यो ओलिंपिक में भारत के लिए पांचवां मेडल जीता है। उनके अलावा मीराबाई चानू ने वेटलिफ्टिंग में सिल्वर, पीवी सिंधु ने बैडमिंटन, लवलिना बोरगोहेन ने बॉक्सिंग और भारतीय पुरुष् टीम ने हॉकी में स्वर्ण पदक जीता है। (एजेंसियां)

हाथ काटा

बुधवार को कजकिस्तान के पहलवान नूरीस्लाम सनायेव के हुए सेमीफाइनल के दौरान एक दिलचस्प वाकया हुआ। सनायेव ने मैच के अंतिम चरण में हार जाने से दुखी होकर रविकुमार का हाथ काट डाला। यह घटना सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। इसी घटना को लेकर टीम इंडिया के पूर्व बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग भड़क गये। उन्होंने कहा, “यह क्या तरीका है। यदि हार जाने से चिंतित होकर प्रतिद्वंद्वी का हाथ काटने का कोई मतलब नहीं है। यह खेल भावना के विपरीत है। यह एक खिलाड़ी को सम्मानित करने का तरीका नहीं है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recent Posts

Recent Comments

    Archives

    Categories

    Meta

    'तेलंगाना समाचार' में आपके विज्ञापन के लिए संपर्क करें

    X