कादम्बिनी क्लब की गोष्ठी दो विषय पर फोकस, विनय वीर जी को श्रद्धांजलि व चन्द्र प्रकाश दायमा की काव्यकृति लोकार्पित

हैदराबाद : कादम्बिनी क्लब हैदराबाद के तत्वावधान में 19 मई को मदन बाई क़ीमती सभागार रामकोट में क्लब की 382वीं मासिक गोष्ठी का आयोजन किया गया। क्लब अध्यक्ष डॉ अहिल्या मिश्र व कार्यकारी संयोजिका जैनरत्न मीना मुथा ने यह जानकारी दी।

क्लब के पदाधिकारियों ने आगे बताया कि प्रथम सत्र में डेली हिन्दी मिलाप के स्वामी व प्रधान संपादक विनय वीर जी को श्रद्धांजलि और कवि चन्द्र प्रकाश दायमा की काव्यकृति ‘पानी सब डालेंगे ही’ का लोकार्पण संपन्न हुआ। सत्र की अध्यक्षता डॉ अहिल्या मिश्र ने की। मुख्य अतिथि प्रो ऋषभ देव शर्मा (वरिष्ठ साहित्यकार), विशेष अतिथि डॉ गंगाधर वानोडे (क्षेत्रीय निदेशक के.ही.सं) पुस्तक समीक्षक डॉ राजीव सिंह व कवि चन्द्रप्रकाश दायमा मंचासीन हुए। शिल्पी भटनागर के संचालन में मंचासीन अतिथियों ने दीप प्रज्वलन किया और शुभ्रा मोहंतो ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की।

डॉ अहिल्या मिश्र ने स्वागत भाषण में कहा कि अगले माह क्लब 30 वर्ष पूर्ण कर 31वें वर्ष में पदार्पण कर रहा है। अब तक क्लब साहित्य और साहित्यकारों के प्रति अपने कर्तव्य को यथासंभव निर्वहन किया है और आगे भी करता रहेगा। उन्होंने पत्रकारिता जगत के अहम व्यक्तित्व स्वर्गीय विनय वीर को याद किया और कहा कि आज क्लब उन्हें श्रद्धांजलि देगा।

डॉ आशा मिश्रा ‘मुक्ता’ ने स्वर्गीय विनय वीर के लिए श्रद्धांजलि वक्तव्य देते हुए विनय वीर की पत्रकारिता, उनका व्यक्तित्व, उनकी विरासत और हिन्दी मिलाप में उनके कार्यों का साक्षिप्त ब्योरा देते हुए पत्रकारिता और हिन्दी भाषा के उत्थान लिए उनके अहम योगदान की चर्चा की। उन्होंने कहा कि विनय वीर का निधन पत्रकारिता में एक युग का अंत माना जाएगा।

पत्रकार एफ़ एम सालीम ने श्रद्धांजलि स्वरूप विनय वीर के साथ जुड़ा अनुभव साझा किया और कहा कि 24 घंटे वे प्रबंधन के कार्य में जुड़े रहकर अहिन्दी भाषी प्रदेश तेलंगाना और हैदराबाद में उन्होंने हिन्दी मिलाप की ऐसी कम्युनिटी तैयार की जिनकी दिनचर्या इस अख़बार से ही शुरू होती थी।

डॉ अहिल्या मिश्र ने विनय वीर के परिवार को याद करते हुए उनके पत्रकारिता के प्रति साहस और कर्तव्यनिष्ठा की बात की। सभा में दो मिनट का मौन रखकर विनय वीर को श्रद्धांजलि दी गई।

तत्पश्चात् मनचासीन अतिथियों का स्वागत चंद्रप्रकाश दायमा, मधु, कुणाल ने शॉल-माला-मोमेंटो के साथ किया। अवसर पर उनके माताजी प्रेमलता दायमा का आशीर्वाद भी प्राप्त हुआ।

‘पानी सब डालेंगे ही’ काव्य कृति की समीक्षात्मक परिचय देते हुए डॉ राजीव सिंह ने कहा कि हर कवि की अपनी विशेषता होती है। पत्नी मधु दायमा को समर्पित इस काव्य संग्रह में व्यंग्यकार कवि चंद्रप्रकाश के दर्शन होते हैं। उन्होंने कविताओं के संबंध में बताया और कहा कि संग्रह की कवितायें देश प्रेम, रिश्तों का प्रेम, पागलपन, समस्याओं के निदान तथा जीवन से जुड़ी हर रंग का अनोखा रूप दर्शाता है। गेय छंद में रची हुई ये काव्य संग्रह निश्चय ही पठनीय है। शीर्षक अपने आप में पाठक की जिज्ञासा। जगाता है।

प्रो ऋषभदेव शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि चंद्रप्रकाश दायमा की रचनाएँ सौम्य व्यक्तित्व, पके हुए कलाकार की और संवेदनशील कवि की रचनाएँ हैं जो जीवन और समाज में व्याप्त व्यंग्य को कलम प्रदान किया है। सम्प्रेषणीयता की कसौटी पर इनकी रचनाएँ खड़ी उतरती है।

डॉ गंगाधर वानोडे ने कहा कि दायमा के सोचने विचरने का ढंग इतना अच्छा है कि यथार्थ को शब्दबद्ध करने में वे सफल रहे हैं।

करतल ध्वनि के साथ मंचासीन अतिथियों के कर कमलों से इस काव्य कृति का लोकार्पण हुआ। मंच पर दायमा परिवार की उपस्थिति रही। क्लब की ओर से चन्द्रप्रकाश दायमा और पत्नी मधु दायमा का सम्मान किया गया।

अपने उद्बोधन में कवि दायमा ने कहा कि संतान होने पर जो आनंद मिलता है वही आनंद की अनुभूति रचना पूर्ण करने पर होती है। कविता सरल प्रवाह में बहने वाली नदी है। उन्होंने क्लब और सभा को उनके स्नेह और मान के लिये प्रसन्नता ज़ाहिर की और आभार व्यक्त किया। चन्द्रप्रकाश दायमा की पत्नी मधु दायमा ने भी अपने भाव व्यक्त करते हुए प्रथम श्रोता बनने के अनुभव साझा किये।

अध्यक्षीय उद्बोधन में डॉ अहिल्या मिश्र ने कहा कि दायमा जी जैसे साहित्यकार युवा पीढ़ी का मार्गदर्शन करेंगे। उन्होंने दायमा जी को इस पुस्तक के लिये बधाई दी। विभिन्न संस्थाओं ने दायमा दंपत्ति का सम्मान किया। डॉ रमा द्विवेदी ने सत्र का आभार व्यक्त किया। मीना मुथा और डॉ रमा द्विवेदी के संयोजन में सत्र संपन्न हुआ।

मीना मुथा के संचालन में द्वितीय सत्र का आरंभ हुआ। नागपुर से पधारीं हेमलता मिश्र मानवी उपर्युक्त अतिथियों के साथ मंच साझा की। पुष्पक साहत्यिकी (वर्ष 7 अंक 25 जनवरी-मार्च 2024) का लोकार्पण हुआ। डॉ अहिल्या मिश्र ने पुष्पक परिचय में चंद शब्द प्रस्तुत किए साथ ही मीना मुथा को जैन रत्न पुरस्कार प्राप्त करने हेतु क्लब की ओर से शाब्दिक बधाई दी।

कवि गोष्ठी में दया शंकर प्रसाद, भावना मयूर पुरोहित, मोहिनी गुप्ता, डॉ सुरभि दत्त, डॉ रमा द्विवेदी, दीपक दीक्षित (हयातनगर), गीता अग्रवाल, के पी अग्रवाल, हर्शलता दुधोडिया, सूरज कुमारी गोस्वामी, सीताराम माने, विजयलक्ष्मी बसवा, पुष्पा वर्मा, उमा सोनी, जी परमेश्वर, श्री पूनम जोधपुरी, राजीव सिंह, दीपक कुमार दीक्षित, डॉ आशा मिश्रा, हेमलता मिश्र मानवी, भगवती अग्रवाल, अंशु श्री सक्सेना, दर्शन सिंह, डॉ अहिल्या मिश्र, पुरुषोत्तम कड़ेल, मधु दायमा, चंद्रप्रकाश दायमा, शिल्पी भटनागर, डॉ गंगाधर वानोडे, मीना मुथा, ममता जायसवाल आदि ने काव्य पाठ किया।

सुनीता लुल्ला, सरिता सुराना, विभा श्रुतिकांत भारती, लाड़ली मोहन धानुका, आर्या झा, सुहास भटनागर, श्रीराम काबरा, जयश्री बाहेती, सविता सोनी, आलोक सक्सेना, मंगला धानुका, लक्ष्मीकान्त व्यास, हर्षलता सोनी, के राजन्ना, जयंत कुमार मिश्र, मेघा बंसल, अलका चौधरी आदि की प्रशंसनीय उपस्थिति रही। जी परमेश्वर ने द्वितीय सत्र का आभार व्यक्त किया। दायमा परिवार के सौजन्य से सभी ने सुरुचि भोज का आनंद लिया।

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