आंध्र प्रदेश में सरकारी अस्पतालों में शिशु को जन्म देने वाली महिलाओं को 11 हजार रुपये और…

अमरावती : आंध्र प्रदेश चिकित्सा क्षेत्र में कई क्रांतिकारी सुधारों के साथ देश के लिए एक आदर्श राज्य बन गया है। इसी क्रम में आंध्र प्रदेश सरकार केंद्र के सहयोग से सरकारी अस्पतालों में शिशु को जन्म देने वाली महिलाओं को 11,000 रुपये दे रही है। इसके अलावा मुफ्त चिकित्सा सेवा, दवा, भोजन और परिवहन के लिए 11,000 रुपये का अतिरिक्त दे रही है। यह नकद राशि सीधे लाभार्थी के खाते में भी जमा की जाती है।

उल्लेखनीय है कि देश के किसी भी राज्य में ऐसी योजना नहीं है। सरकारी अस्पतालों में प्रसव को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आशा कार्यकर्ता और एएनएम के माध्यम से इस बारे में हर एक को अवगत कराने का सरकार ने आदेश दिया है। लोगों सरकारी अस्पतालों में मिलने वाले लाभों के बारे में विस्तार से बताने का सुझाव दिया है।

सरकारी अस्पतालों में प्रसव के लिए आने वाली गर्भवती महिलाओं के लिए परिवहन से लेकर दवा तक सब कुछ मुफ्त दिया जाता है। यदि गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा शुरू होते ही 108 को कॉल करने पर अस्पताल ले जाते हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) से लेकर मेडकल कॉलेज तक कहीं भी उपचार किया जा सकता है।

राज्य में 1,149 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं। इनमें से 372 पीएचसी में एक भी प्रसव नहीं हुआ है। कृष्णा जिले में सबसे ज्यादा 52 पीएचसी हैं। परिवार कल्याण विभाग इनमें भी सामान्य प्रसव कराने की योजना बनाई है। पहले से ही दो चिकित्साधिकारी, तीन नर्स और लेबर रूम के लिए आवश्यक सभी सुविधाएं पीएचसी में उपलब्ध कराई जा रही हैं। इस समय केवल 40 फीसदी सरकारी अस्पतालों में प्रसव होते हैं। सरकार ने सरकारी अस्पतालों में बड़े पैमाने पर प्रसव को बढ़ाने का फैसला किया है।

गर्भवती महिलाओं के लिए राज्य सरकार पहले से भी बेहतर स्वास्थ्य सहायता प्रदान कर रही है। नॉर्मल डिलीवरी के लिए 5,000 रुपये और सिजेरियन डिलीवरी के लिए 3,000 रुपये दे रही है। मां के ठीक होने के तक यह रकम उनके लिए काफी लाभदायक साबित हो रही है। इसके अलावा प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना और जननी सुरक्षा योजना के तहत कुछ और धनराशि उपलब्ध कराई जा रही है।

इसके अलावा नॉर्मल डिलीवरी को बढ़ावा दिया जा रहा है। यदि आवश्यक हो तो सिजेरियन किया जाता है। यदि प्रसव के दौरान रक्त की आवश्यकता होती है, तो सरकार द्वारा प्रदान किया जाता है। अस्पताल में रहे उतने दिनों तक मुफ्त में पोषण आहार दिया जाता है। बच्चों का नि:शुल्क टीकाकरण किया जाता है। अस्पताल से छुट्टी मिलने पर मां-बच्चे को एक्सप्रेस के जरिए नि:शुल्क घर पहुंचाया जाता है। बच्चे के जन्म के साथ ही आधार पंजीकृत हो जाता है। बच्चे के जन्म तारीख का प्रमाण पत्र दिया जाता है।

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